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पाकिस्तान के कारण दुर्लभ धातुओं पर लगाए प्रतिबंध? US से तनाव के बीच आई चीन की सफाई – china denies link rare earth curbs pakistan trump ntc

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चीन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसने जो रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare-Earth Minerals) और उनसे जुड़ी तकनीकों पर सख्त निर्यात प्रतिबंध लगाए हैं, उनका पाकिस्तान द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रस्तुत किए गए उपहार से कोई संबंध नहीं है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच अटूट मित्रता बरकरार है. पाकिस्तान के अमेरिका के साथ बढ़ते संबंधों के बावजूद चीन का भरोसा पाकिस्तान पर अडिग है.

लिन जियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “चीन की हाल की घोषणाएं रेयर अर्थ और संबंधित वस्तुओं के निर्यात नियंत्रण के संबंध में हैं और उनका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. जो रिपोर्ट्स आप बता रहे हैं, वे या तो तथ्यों से अनजान हैं या अटकलों पर आधारित हैं या फिर भ्रम फैलाने के इरादे से बनाई गई हैं. ये पूरी तरह निराधार हैं.”

बता दें कि चीन ने पिछले सप्ताह विदेशी कंपनियों पर अपने रेयर अर्थ मिनरल्स का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए खनन और प्रसंस्करण पर कड़े नियम लागू कर दिए थे. ये धातुएं इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, पवन ऊर्जा और रक्षा उपकरण में बहुत जरूरी हैं. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 100 फीसदी टैरिफ की घोषणा की.

चीन विश्व की लगभग 70 प्रतिशत दुर्लभ पृथ्वी खनन क्षमता और 90 प्रतिशत प्रसंस्करण क्षमता नियंत्रित करता है, जिससे वह आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ऑटोमोबाइल, पवन ऊर्जा और रक्षा तकनीक में उपयोग होने वाली इन धातुओं का लगभग एकमात्र आपूर्तिकर्ता बन गया है. अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत चीन के प्रमुख खरीदार हैं.

एक फोटो से अटकलों को मिली हवा

हाल ही में एक तस्वीर में पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनिर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ट्रंप को एक बॉक्स देते हुए दिखाया गया था, जिसे रेयर अर्थ मिनरल्स का नमूना बताया गया था. इससे चीन के नए निर्यात नियंत्रणों के पाकिस्तान से जोड़ने की अटकलें लग गई थीं.

अब चीन ने स्पष्ट किया, “पाकिस्तानी नेताओं ने जो बॉक्स ट्रंप को दिया वह रेयर अर्थ मिनरल्स नहीं, बल्कि रत्न खनिज (Gem Ores) थे. पाकिस्तान और अमेरिका के बीच खनन सहयोग पर दोनों देशों ने बातचीत की है. पाकिस्तान ने जोर दिया कि उसका अमेरिका के साथ व्यापार चीन के हितों या चीन के साथ सहयोग को प्रभावित नहीं करेगा.”

चीनी अधिकारी ने कहा, “चीन और पाकिस्तान हमेशा के लिए रणनीतिक सहयोगी हैं. हमारी अटूट मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है. दोनों देशों ने एक-दूसरे के साझा हितों के मुद्दों पर उच्चस्तरीय रणनीतिक विश्वास और करीबी संपर्क बनाए रखा है.”

अमेरिका में चीनी दूतावास ने भी कहा कि उच्च टैरिफ और प्रतिबंध सही तरीका नहीं है. दोनों देशों को आपसी बातचीत से अपने मतभेद सुलझाने चाहिए और रिश्तों को मजबूत बनाए रखना चाहिए.

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By uttu

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